छठ पूजा का महत्व Gorakhpur Chhat Puja 2024
छठ पर्व के मुख्य अनुष्ठान Gorakhpur Chhat Puja 2024
गोरखपुर में छठ पर्व की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से होती है, जिसमें पहले दिन व्रती नदी में स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। दूसरे दिन ‘खरना’ का आयोजन होता है, जिसमें व्रती दिनभर उपवास के बाद शाम को पूजा कर प्रसाद में खीर, रोटी और गुड़ का सेवन करती हैं। तीसरे दिन शाम को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। व्रती महिलाएँ तालाब, नदी या घाट पर जाकर सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होता है।
गोरखपुर में छठ पूजा के प्रमुख स्थल Gorakhpur Chhat Puja 2024
आधुनिकता और परंपराओं का संगम
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
Gorakhpur Chhat Puja 2024 गोरखपुर में छठ पूजा के दौरान पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा जाता है। प्रशासन और सामाजिक संगठनों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोग नदी, तालाब या अन्य जलाशयों को प्रदूषित न करें। बायोडिग्रेडेबल सामग्री के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता है और पूजा के बाद कचरा प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं।
समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक
छठ पूजा गोरखपुर में न केवल धार्मिक पर्व है, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। सभी वर्ग और समुदाय के लोग इस पर्व को मिलजुल कर मनाते हैं। लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं और घाटों पर सेवा कार्यों में भाग लेते हैं। इस प्रकार छठ पूजा गोरखपुर में सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देती है।
6 thoughts on “Gorakhpur Chath Puja 2024 गोरखपुर में छठ पूजा: आस्था, उल्लास और प्रकृति के प्रति समर्पण का पर्व”