Government ईमेल बेच रहे हैं हैकर्स: बढ़ते साइबर खतरे पर रिपोर्ट
भारत में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। अपराधी अब सरकारी सिस्टम्स पर हमला कर रहे हैं। वे लोगों की निजी जानकारी बेचकर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
हाल ही में, कुछ साइबर अपराधी ने सरकारी ईमेल और पासवर्ड्स को ऑनलाइन बेचने का दावा किया है। सरकारी कर्मचारियों के ईमेल खातों का गलत उपयोग खतरनाक हो सकता है। इस खतरे को समझना बहुत जरूरी है।
हैकर्स का दावा और ईमेल बिक्री का मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार, हैकर्स Government कर्मचारियों के ईमेल और पासवर्ड को बेच रहे हैं। उन्होंने कहा है कि एक बार खाता खरीदने के बाद, वे इसमें बदलाव कर सकते हैं। Government की ईमेल सेवाएं संवेदनशील जानकारी के आदान-प्रदान के लिए उपयोगी होती हैं।
साइबर अपराधी कैसे कर सकते हैं इन ईमेल का दुरुपयोग?
सरकारी ईमेल अकाउंट्स का दुरुपयोग कई तरीकों से हो सकता है। “डिजिटल अरेस्ट” एक बड़ा खतरा है। साइबर अपराधी नाम, पता और फोन नंबर के साथ लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दे सकते हैं। इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं। साइबर अपराधी झूठे दस्तावेज दिखाकर लोगों से पैसा लेते हैं।
अमेरिकी जांच एजेंसी FBI की चेतावनी
FBI ने चेतावनी दी है कि सरकारी ईमेल अकाउंट्स का गलत उपयोग हो सकता है। साइबर अपराधी फर्जी सम्मन भेजकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारत में भी इस जोखिम बढ़ रहे हैं। FBI की चेतावनी से भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहना चाहिए।
.gov.in ईमेल अकाउंट्स की बिक्री
खबरों के अनुसार, Government के कई महत्वपूर्ण विभागों के ईमेल अकाउंट्स फोरम्स पर खुलेआम बेचे जा रहे हैं। तमिलनाडु Government के कर्मचारियों के नौ ईमेल खातों की लिस्टिंग हाल ही में एक फोरम पर देखी गई थी। यह खातें Government डोमेन से जुड़े होते हैं, जैसे @gov.in, जिनका उपयोग केवल सरकारी कामकाज के लिए किया जाता है।
इस तरह के खातों तक हैकर्स की पहुंच होना Government की डिजिटल सुरक्षा पर एक गंभीर प्रश्न उठाता है।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन भी नहीं बचा पा रहा
Government ने टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य कर रखा है। इसके लिए ‘कवच ऐप’ का उपयोग किया जाता है, जो किसी नए डिवाइस पर साइन-इन की अनुमति तभी देता है | जब उसका असली उपयोगकर्ता उसे स्वीकृति देता है।
लेकिन यह भी देखा गया है कि हैकर्स इस सुरक्षा प्रणाली को भी बायपास करने के तरीके ढूंढ रहे हैं। इस कारण से Government की डिजिटल सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
डिजिटल अरेस्ट और अन्य धोखाधड़ी की तकनीकें
डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं Government के ईमेल खातों की सुरक्षा को चिंतित कर रही हैं। अपराधी सरकारी ईमेल का उपयोग करके लोगों को डराते हैं और ठगते हैं। यह बहुत बड़ा खतरा है अगर सरकारी ईमेल खाते इस्तेमाल किए जाते हैं।
भारत के लिए संभावित खतरे
यह साइबर हमला सरकार और लोगों दोनों के लिए खतरनाक है। सरकारी ईमेल खातों का दुरुपयोग सरकारी योजनाओं को लीक कर सकता है। इससे सरकार की प्रतिष्ठा और देश की सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
Government के कदम और सावधानियां
भारत सरकार को साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है। उन्हें हैकर्स की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। साथ ही, साइबर सुरक्षा के नए उपाय और तकनीकों को लागू करना जरूरी है।सरकारी कर्मचारियों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना होगा। इससे वे अपने खातों की सुरक्षा को मजबूत कर सकेंगे।
आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध का खतरा बढ़ रहा है। Government के ईमेल खातों पर हमले के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
साइबर सुरक्षा को मजबूत करना देश की डिजिटल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। Government के ईमेल खातों की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी है।
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