Korba में विवाद: जय श्री राम बोलने पर स्कूल में छात्र की पिटाई, बजरंग दल का घेराव
Korba जिले के एक सरकारी स्कूल में एक छात्र को पिटाई का मामला सामने आया है। यह घटना पड़निया गाँव के हाई स्कूल में हुई। 11वीं कक्षा के एक छात्र ने शिक्षक पर हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद बजरंग दल ने विरोध दर्ज कराया है। वे शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
विवाद की शुरुआत: जय श्री राम कहने पर क्यों हुई छात्र की पिटाई?
Korba- 11वीं कक्षा के छात्र नारायण पटेल ने शिक्षक को “जय श्री राम” कहा। इसके बाद, शिक्षक ने उसे पीटा। नारायण ने कहा कि शिक्षक अक्सर हिन्दू देवी-देवताओं पर विवादास्पद बातें करते हैं। सोमवार को भी नारायण ने शिक्षक को “जय श्री राम” कहा। इसके बाद, शिक्षक ने उसे पीटा।
Korba- बजरंग दल का हस्तक्षेप: धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप
Korba- इस घटना के बाद, बजरंग दल के कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे। उन्होंने शिक्षक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बजरंग दल का आरोप है कि शिक्षक छात्रों के धार्मिक भावनाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
शिक्षक का पक्ष: क्या है शिक्षक का कहना?
शिक्षक राजकुमार ओगरे ने कहा कि उन्होंने केवल एक सामान्य टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरस्वती को माता नहीं माना जाता, लेकिन वे बहुत पूजनीय हैं। अगर उनकी बात से किसी की भावनाएँ आहत हुई हैं, तो वे माफी मांगते हैं। लेकिन, स्कूल के अन्य छात्रों और प्राचार्य ने उनकी टिप्पणी को गलत बताया। वे इस मामले की जाँच की मांग कर रहे हैं।
Korba- स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया: दोनों पक्षों से बयान लिए गए
Korba- स्कूल प्रशासन ने दोनों पक्षों से बात की। उन्होंने दोनों की ओर से लिखित बयान लिए। शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में आकर जाँच की। उन्होंने कहा कि वे उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट देंगे। स्कूल के प्राचार्य ने भी शिक्षक के कथन को गलत बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाना जरूरी है।

धार्मिक टिप्पणी और शिक्षा में तटस्थता की आवश्यकता
इस घटना ने शिक्षा में धार्मिक तटस्थता की जरूरत को फिर से दिखाया है। शिक्षकों को अपने विचारों को छात्रों पर थोपने से बचना चाहिए। वे धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। यह मामला विवादास्पद हुआ क्योंकि धार्मिक विचारों पर टिप्पणियाँ विवाद का कारण बनीं। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को ज्ञान देना और उनके विचारों को खुला रखना है।
Korba- बजरंग दल और अन्य संगठनों का प्रदर्शन: धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप की माँग
बजरंग दल और अन्य हिन्दू संगठनों ने शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। वे शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार की टिप्पणियों का विरोध करेंगे। बजरंग दल ने प्रशासन को चेतावनी दी है। अगर शिक्षक पर कार्रवाई नहीं होती तो वे व्यापक विरोध करेंगे।
Korba का मामला और धार्मिक विचारों की स्वतंत्रता
इस घटना ने फिर से धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के बारे में विवाद खड़ा कर दिया है। शिक्षक का कहना है कि उन्होंने कोई अपमानजनक बात नहीं कही। लेकिन बजरंग दल और छात्रों का मानना है कि यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली थी। यह मामला शिक्षकों के व्यवहार, धार्मिक तटस्थता और बच्चों की धार्मिक भावनाओं के सम्मान का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। अब देखना होगा कि उच्चाधिकारी इस पर क्या निर्णय लेते हैं।
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