Delhi pollution GRAP-4 rules : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार से जी आर ए पी 4 के तहत प्रदूषण को रोकने के उपाय को लागू करने में देरी पर सवाल उठाया । कोर्ट ने फटकार लगाते हुए दिल्ली सरकार को कहा कि वह बिना पूर्व अनुमति के प्रदूषण रोकने या काम करने के उपाय को हटाने या काम करने की अनुमति नहीं दे सकता।
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जस्टिस अभय इस ओक और अगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद भी ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण 4 के तहत निवारण उपाय के कार्य अनुमान में देरी हुई।
इससे पहले सुनवाई की शुरुआत में दिल्ली सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि दिल्ली में GRAP का चरण 4 सोमवार से लागू हो गया है। इसके तहत भारी वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस पर पीठ में वकील से कहा कि जैसे ही एक यूआई 300 से 400 के बीच पहुंचता है, चरण 4 लागू करना होता है । आप GRAP के चरण 4 में देरी करने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं ? कोर्ट ने कहा कि कोर्ट जानना चाहता है कि उसने प्रदूषण के स्तर में खतरनाक बढ़ोतरी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं? कोर्ट में अहम अहम सवाल दिल्ली के प्रदूषण पर सवाल उठाए हैं?
कोर्ट के आदेश बिना अनुमति के कोई भी नियम लागू नहीं किए जाने चाहिए….Delhi pollution GRAP-4 rules
पीठ ने कहा कि हम चरण 4 के तहत निवारक उपाय को कम करने की अनुमति नहीं देंगे, भले ही AQI 300 से नीचे चला जाए । चरण 4 तब तक जारी रहेगा, जब तक न्यायालय इसकी अनुमति नहीं देगा ।पीट ने कहा कि वह दिन के काम के अंत में मामले की विस्तार से सुनवाई करेगी।
दिल्ली के एनसीआर के लिए करें प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपाय लागू….
इससे पहले केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने GRAP-4 चरण के तहत दिल्ली एनसीआर के लिए कठिन प्रदूषण नियंत्रण उपाय लागू किए गए। प्रतिबंध सोमवार सुबह 8:00 से प्रभावित हो गए ।इसके तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है और सार्वजनिक निर्माण परियोजना पर अस्थाई रूप से रोक लगा दिया गया है।
कोर्ट ने आदेश में क्या-क्या कहा?
आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तु को ले जाने वाले स्वच्छ ईंधन (सीएनजी/इलेक्ट्रिक/बीएससी सिक्स डीजल/एलएनजी) का उपाय करने वाले ट्रैकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों सीएनजी वाहनों और बीएससी 6 डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली में बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्य वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे। राजमार्ग ,सड़क, पुल और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थाई रोक रहेगी। जिससे दिल्ली में प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकती है।
14 नवंबर को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई गई थी…
इससे पहले 14 नवंबर को शीर्ष अदालत में याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी कोर्ट को बताया गया था कि बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बनने की ओर बढ़ रहा है ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। इसीलिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अपने मन से किसी भी नियम में फिर बदल नहीं कर सकती दिल्ली सरकार को सबसे पहले कोर्ट से परमिशन लेना पड़ेगा तभी कोई नियम में बदलाव किया जाएगा बिना कोर्ट के परमिशन से दिल्ली सरकार कोई भी मतलब नहीं कर सकता।
बढ़ते प्रदूषण को देखकर स्कूलों की कक्षाओं को ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाया जाएगा…
नई दिल्ली में सोमवार को अगले आदेश तक स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गई क्योंकि विषैले धुएं का स्तर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित दैनिक अधिकतम स्तर से 60 गुना अधिक हो गया है। सरकार द्वारा की गई विभिन्न छोटे-छोटे प्रयास इस समस्या का समाधान करने में असफल रहे हैं । तथा हर वर्ष हजारों लोगों की असामयिक मृत्यु के लिए ढूंढ को जिम्मेदार ठहराया जाता है, तथा इसका विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए कोर्ट के अगले आदेश तक स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं चलेगी।
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