dev uthani ekadashi kab hai 2024 वैसे तो पूरे कार्तिक महीने में तुलसी माता की पूजा की जाती है लेकिन देव उठानी एकादशी के दिन तो जरूर ही तुलसी पूजा करनी चाहिए क्योंकि इस दिन तुलसी पूजा का सबसे ज्यादा महत्व होता है। कई लोग इस दिन तुलसी के पौधे का शालिग्राम भगवान से विवाह करते हैं।

देव उठनी पर एकादशी तुलसी पूजा कैसे करें ..
dev uthani ekadashi kab hai 2024 देव उठानी एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद जहां भी आपको तुलसी जी हैं। उन जगहों को अच्छे से साफ कर ले फिर एक लकड़ी का पत्ता ले उसे गंगाजल से स्वच्छ कर ले इसके बाद उसे पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं या आप रंगोली भी बना सकते हैं फिर इसके ऊपर घी का दीपक जला लेंगे फिर संकल्प करेंगे इस दौरान तुलसी माता से कहेंगे कि तुलसी माता में सच्चे मन से आपका पूजन कर रही हूं या कर रहा हूं अगर पूजा में कोई भी कमी हो तो उसके लिए मुझे क्षमा करें और मेरी मनोकामनाओं को पूर्ण करें इसके बाद पूजा शुरू करेंगे तुलसी विवाह के दिन शालिग्राम भगवान को भी पूजा होती है अगर शालिग्राम भगवान आपके पास है तो उन्हें तुलसी के गमले में विराजमान कर ले और अगर नहीं है तो उसकी जगह पर लड्डू गोपाल या भगवान विष्णु की भी प्रतिमा ले सकते हैं इसके बाद तुलसी पूजा शुरू करें सबसे पहले तुलसी के पौधे पर हल्दी लगाई और साथ में मेहंदी भी लगे इस बात का ध्यान रखें कि जो भी पूजा सामग्री आप तुलसी माता का समर्पित कर रहे हैं उसे पहले शालिग्राम भगवान को जरुर चढ़ाएं इसके बाद होली से तिलक करेंगे इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी पूजा या तो सुबह करनी है या फिर शाम में शुरुआत से पहले इसके बाद तिल चढ़ाएं फिर वस्त्रों के रूप में शालिग्राम भगवान को कलवा और जनेऊ समर्पित करेंगे वही तुलसी को लाल रंग की चुनरी उड़ाएंगे इसके बाद फूल चढ़ाएंगे फिर भोग चढ़ाएंगे जल समर्पित करेंगे दक्षिणा चढ़ाएंगे साथ ही तुलसी जी को सिंगर सामग्री अर्पित करेंगे। इस दिन तुलसी जी का आप अच्छे से सिंगर जरूर करेंगे इसके बाद हाथों में तीन लेकर देवउठनी एकादशी की कथा सुन लेंगे कथा के बाद यह तीन तुलसी माता और शालिग्राम भगवान को समर पति करेंगे फिर तुलसी जी की परिक्रमा करेंगे और आप अपनी श्रद्धा अनुसार 11 या 108 बार यह परिक्रमा कर सकते हैं इसके बाद तुलसी जी की आरती करेंगे आरती के बाद प्रसाद घर के सभी लोगों को बांट देंगे तुलसी पूजा के अपने जो भी सामान चढ़ाई चाहे सारी या बर्तन उसे आप किसी जरूरतमंद कन्या को दान कर दें।
तुलसी पूजा की शुभ तिथि….( dev uthani ekadashi kab hai 2024 )
पंचांगों के अनुसार तुलसी विवाह पूजन इस साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन किया जाएगा। जो 13 नवंबर को है द्वादशी दिन नवंबर 12 को प्रारंभ होगी शाम 4:00 बजे और नवंबर 13 को समाप्त होगी दोपहर 1:01 पर।

तुलसी विवाह की सामग्री..
dev uthani ekadashi kab hai 2024 तुलसी विवाह के लिए लकड़ी की चौकी,गेहूं,फल-फूल,चंदन, धूप ,बत्ती ,घी का दीपक ,सिंदूर, फूलों की माला, लाल चुनरी , श्रृंगार का सामान, गंगा जल,कलश, आम के पत्ते, मिठाई इत्यादि इन सबों की जरूरत तुलसी विवाह में लगेगी तुलसी विवाह शालिग्राम से कराया जाता है।
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Jai ho jai ho