Donald Trump के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज: भारत-अमेरिका संबंधों के समर्थक और चीन के आलोचक

माइक वॉल्ट्ज बने Donald Trump के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

Donald Trump ने माइक वॉल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया है। वॉल्ट्ज अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के प्रमुख हैं। उन्होंने अमेरिका की सुरक्षा के लिए सख्त नीति का समर्थन किया है। उन्होंने चीन के खिलाफ अपनी राय व्यक्त की है। ट्रंप प्रशासन भी उनकी इस राय का समर्थन कर सकता है।

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Donald Trump और माइक वॉल्ट्ज की भूमिका और पृष्ठभूमि

माइक वॉल्ट्ज आर्मी नेशनल गार्ड के पूर्व अधिकारी हैं। वह फ्लोरिडा से तीन बार के सांसद भी रहे हैं। उनका नाम अमेरिकी सुरक्षा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2023 के अमेरिकी दौरे के लिए कैपिटल हिल में भाषण की व्यवस्था की। उनकी नियुक्ति से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे।

Donald Trump के सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज का सैन्य अनुभव

माइक वॉल्ट्ज ने अपने सैन्य करियर में बहुत कुछ सीखा। उन्होंने वर्जीनिया मिलिट्री इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की। इसके बाद, चार साल तक सेना में काम किया। उन्होंने अफगानिस्तान, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में काम किया। यह अनुभव उन्हें बहुत कुछ सिखाया। वॉल्ट्ज ने विदेश नीति समिति में भी काम किया। यह उन्हें विदेश नीति के बारे में ज्यादा समझने में मदद की।इस अनुभव ने उन्हें ट्रंप प्रशासन के लिए बहुत उपयोगी बनाया।

Donald Trump के नए एनएसए माइक वॉल्ट्ज का चीन के प्रति कड़ा रुख

वॉल्ट्ज ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की नीति की आलोचना की। उनकी नियुक्ति चीन के खिलाफ नीति में सख्ती का संकेत देती है। वॉल्ट्ज चीन की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए मजबूत रक्षा रणनीति की बात करते हैं।

Donald Trump की टीम में इंडिया कॉकस प्रमुख माइक वॉल्ट्ज की भूमिका

अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के माइक वॉल्ट्ज ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2004 में शुरू हुए 40 सदस्यीय इंडिया कॉकस ने अब अमेरिकी सीनेट में अपनी विशेषता दिखाई है वॉल्ट्ज की नियुक्ति से भारत-अमेरिका के कूटनीतिक और रक्षा संबंधों में नई ऊंचाइयों की संभावना है।

Donald Trump प्रशासन में बदलाव की संभावनाएं और वॉल्ट्ज की भूमिका

वॉल्ट्ज की नियुक्ति से स्पष्ट हो गया है कि ट्रंप प्रशासन की सुरक्षा नीति आक्रामक होगी। वॉल्ट्ज की प्राथमिकताओं में रूस-यूक्रेन युद्ध, मिडिल ईस्ट के संघर्ष और दक्षिण एशिया की स्थिरता शामिल होगी। ट्रंप ने 2016 में एनएसए बदले के बाद भी कई बार बदलाव किए हैं, जिससे उनके प्रशासन का लचीलापन स्पष्ट होता है।

वॉल्ट्ज की नियुक्ति और चीन-अमेरिका संबंध

माइक वॉल्ट्ज की नियुक्ति चीन के प्रति ट्रंप प्रशासन के रुख को और कठोर बना सकती है। वॉल्ट्ज ने हमेशा चीन की नीति पर आक्रामक दृष्टिकोण का समर्थन किया है। उन्होंने अमेरिकी टेक्नोलॉजी और डिफेंस को मजबूत करने की जरूरत को प्राथमिकता दी है।

अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियां: एलिस स्टेफैनिक और सूजी विल्स

ट्रंप ने एलिस स्टेफैनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में चुना है। स्टेफैनिक ट्रंप की कट्टर समर्थक हैं। व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर, ट्रंप ने सूजी विल्स को नियुक्त किया है। विल्स इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला होंगी। इन नियुक्तियों से पता चलता है कि ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देंगे। उन्होंने अपनी टीम में अनुभवी और निष्ठावान लोगों को जगह दी है।

Donald Trump का बॉर्डर सुरक्षा पर फोकस: टॉम होमन की नियुक्ति

टॉम होमन, जो पहले इमिग्रेशन और कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) के प्रमुख थे, अब बॉर्डर जार के रूप में काम करेंगे। उन्हें अपनी आक्रामक नीति के लिए जाना जाता है। वे दक्षिणी और उत्तरी सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। उन्हें निर्वासन मामलों की भी देखभाल करनी होगी।

Donald Trump के लिए वॉल्ट्ज का महत्व और रणनीति

वॉल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाने से पता चलता है कि अमेरिका की सुरक्षा नीति में बदलाव हो सकता है। उनका अनुभव ट्रंप को घरेलू और विदेशी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा। अफगानिस्तान से सेना की वापसी और चीन की बढ़ती शक्ति पर उनका दृष्टिकोण समान है।

माइक वॉल्ट्ज की नियुक्ति ने अमेरिका की सुरक्षा नीति को बदल दिया है। यह न केवल अमेरिका की सुरक्षा को मजबूत किया है, बल्कि दुनिया भर में अमेरिका की स्थिति को भी बेहतर बनाया है। उनकी सुरक्षा रणनीतियां और चीन के प्रति आक्रामक रुख ने ट्रंप प्रशासन की नीतियों को स्पष्ट किया है। यह भारत-अमेरिका के संबंधों को भी मजबूत बना सकता है। दोनों देशों के भविष्य के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।

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