क्रिकेट में खराब प्रदर्शन करने पर खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाता है। गाली-गलौज और गलत शब्दों का इस्तेमाल होता है। यह समस्या खेल और खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ी है।
खिलाड़ियों को तनाव होता है और उनके परिवारों को भी बुरा लगता है। लंबे समय से लोग इस समस्या के लिए कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने एक बड़ा कदम उठाया है। यह कदम खिलाड़ियों को इस समस्या से राहत दिलाने के लिए है।
ICC का बड़ा कदम
ICC ने सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग रोकने के लिए एक तकनीकी समाधान निकाला है। ईएसपीएन-क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, ICC ने एक एआई आधारित सॉफ्टवेयर का परीक्षण किया है। यह सॉफ्टवेयर फेक अकाउंट्स को पहचानता है और उनके द्वारा किए गए अभद्र कमेंट्स को हटाता है।
ICC ने इस सॉफ्टवेयर का परीक्षण महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान किया। इसने सफल परिणाम दिए।
ट्रोलिंग रोकने में एआई का योगदान
ICC का यह कदम सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों पर नकेल कसने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस एआई सॉफ्टवेयर के जरिए करीब 60 महिला क्रिकेटरों और 8 टीमों के अकाउंट्स पर ट्रोलिंग कमेंट्स को मॉनिटर किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान 14,95,149 कमेंट्स को एआई ने जांचा। इनमें से 2.71 लाख कमेंट्स अपशब्दों से भरे हुए थे।
इन कमेंट्स में रेसिज्म, सेक्सिज्म, होमोफोबिया जैसे शब्द थे। एआई ने इन्हें तुरंत डिलीट किया।
ICC ने एक एआई टूल विकसित किया है। यह बहुत सटीक है और खिलाड़ियों के खिलाफ अक्सर उपयोग किए जाने वाले शब्दों को पहचान सकता है। इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर नफरत और गाली-गलौज को रोकना है।
यह सॉफ्टवेयर खिलाड़ियों और टीमों के लिए कस्टमाइज किया गया है। यह उनके खिलाफ उपयोग किए जाने वाले अपशब्दों को पहचान सकता है। अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में इस्तेमाल की जाने वाली गालियों को भी यह तुरंत हटाता है।
ट्रोलिंग से मिलेगी महिला क्रिकेटर्स को राहत
ICC ने इस टूल को महिला क्रिकेट के लिए उपलब्ध कराया है। महिला क्रिकेटर्स अक्सर सोशल मीडिया पर नफरत भरे कमेंट्स का सामना करती हैं।
ICC का यह कदम उन्हें राहत दिला सकता है। महिला खिलाड़ियों या टीमों को ICC से संपर्क करके इस टूल का लाभ उठाने का मौका मिलेगा। इससे उन्हें मानसिक शांति मिलेगी और वे अपने खेल पर ध्यान दे सकेंगी।
महिलाओं के लिए सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में कदम
ICC ने महिलाओं को क्रिकेट में जोड़ने के लिए एक कदम उठाया है। सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और अपमानजनक टिप्पणियां महिला खिलाड़ियों के लिए बहुत कठिन होती हैं। इस एआई सॉफ्टवेयर का उपयोग करके, खिलाड़ियों को सुरक्षित माहौल में खेलने का मौका दिया जा रहा है।
यह टूल ट्रोलिंग को कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह महिला खिलाड़ियों के खिलाफ साइबर हमलों को रोकने में भी सहायक है।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का असर
ट्रोलिंग खिलाड़ियों के खेल पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। सोशल मीडिया पर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं उनके मनोबल को कम कर सकती हैं।
कुछ खिलाड़ी ट्रोलिंग से बचने के लिए अपने अकाउंट्स बंद करने को मजबूर हो जाते हैं। ट्रोलिंग के कारण कई खिलाड़ी मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का सामना करते हैं।
ICC का यह कदम खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है। यह उनके खेल में भी सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
बॉट अकाउंट्स पर भी होगी कार्रवाई
ICC का यह टूल सिर्फ अभद्र टिप्पणियों को हटाने के लिए नहीं है। यह बॉट अकाउंट्स से आने वाले कमेंट्स को भी पहचान कर उन्हें छुपाता है।
सोशल मीडिया पर विज्ञापन फैलाने वाले बॉट अकाउंट्स इस टूल के दायरे में आते हैं। यह उन्हें हटा देता है।
इस तरह, खिलाड़ियों के सोशल मीडिया फीड में सही और उपयोगी कमेंट्स ही दिखाई देंगे।
ICC की तरफ से भविष्य की योजना
फिलहाल, ICC ने इस एआई टूल को महिला क्रिकेटर्स के लिए सीमित रखा है। लेकिन भविष्य में इसका विस्तार पुरुष क्रिकेटर्स तक भी किया जाएगा।
इसके अलावा, ICC इस एआई टूल को अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी लाने की योजना बना रहा है। यह हर जगह खिलाड़ियों को सुरक्षित महसूस करने में मदद करेगा।
क्रिकेट के भविष्य में एआई की भूमिका
ICC ने एआई तकनीक का इस्तेमाल करके क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा बदलाव लाया है। यह तकनीक सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और अपशब्दों को रोकने में मददगार हो सकती है।
आज के समय में, एआई खिलाड़ियों को मानसिक सुरक्षा देने में मदद करेगा। यह उन्हें खेल को ट्रोलिंग से मुक्त बनाने में भी सहायक होगा।
ICC का यह कदम खेल के लिए तकनीक का सही इस्तेमाल करने का एक उदाहरण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह टूल कितना प्रभावी होगा।
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