Puja bhog niyam:आमतौर सभी घरों में सुबह और शाम दोनों समय पूजा की जाती है। इस परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है मानता है की देवी देवताओं की आराधना हमेशा संपूर्ण विधि से करना चाहिए जिससे घर में शांति बना रहे। गलत तरीकों से पूजा करने पर देवी देवता नाराज हो जाते हैं और घर में अशांति फैल जाती है।
जाने की पूजा समय पर करने से लाभ किस प्रकार से होती है…
सही समय पर पूजा करने से मनचाहे परिणाम की प्राप्ति होती है शास्त्रों में पूजा पाठ से जुड़े सभी नियमों का उल्लेख किया गया है इन नियमों के आधार पर ईश्वर की उपासना करने से मानसिक शांति मिलती है शास्त्रों के अनुसार पूजा में जहां दीप प्रज्वलित करने का विधान है वही देवताओं का भोग लगाना भी शुभ होता है कहते हैं की पूजा के बाद भगवान को भोग लगाने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं परंतु क्या आपको पता है की पूजा में लगाया गया भोग भगवान के समक्ष आखिरकार कितनी देर तक रखना चाहिए अगर नहीं तो लिए हम इसके बारे में जानते हैं।
पूजा करने के बाद मंदिर में भोग कितने देर तक रखना चाहिए…
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान को भोग लगाने के बाद उसे प्रसाद को 5 से 10 मिनट की अवधि के लिए अंतराल में ही हटा लेना चाहिए कहते हैं कि अगर भूख लंबे समय तक मंदिर में रखा जाए तो इसे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में भी अशांति होती है इसलिए इसे जल्द ही हटा लेना चाहिए।
सही समय पर पूजा पाठ और भोग लगाने से मन में शांति और घर में भी शांति बनी रहती है वही गलत तरीकों से पूजा पाठ करने पर कहा जाता है की देवी देवताएं नाराज हो जाती है और घर में आसान भी आ जाती है इसीलिए यह ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि अगर हम पूजा पाठ कर रहे हैं तो सही समय और सही नियम और तरीकों से पूर्ण विधि के साथ पूजा को संपन्न और भोग लगाने की प्रक्रिया को की जाए।
भगवान को भोग लगाते समय इन बातों को ध्यान रखे….
- मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान को लगाए हुए भोग को हमेशा प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण करना चाहिए। जिससे आप अपने आप को तंदुरुस्त और सेहत पाएंगे।
- भोग को लगाने से पहले हमेशा स्नान करें इसके बाद ही भोग हुआ पूजा पाठ से जुड़े काम करने चाहिए। स्वच्छ शरीर से किया गया पूजा पाठ हमेशा ऊर्जा उत्पन्न करती है।
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार से कहा जाता है कि भगवान को हमेशा सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं।
- प्रसाद को कभी भी जमीन पर ना चढ़ाएं।
- माना जाता है की देवी देवताओं को हमेशा सोना चांदी या मिट्टी या लकड़ी के बर्तनों में ही भोग लगाना चाहिए।
- कभी भी प्लास्टिक के बर्तनों में भोग ना लगाएं।
पूजा करने से पहले किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए…
- ॐ लक्ष्मी लक्ष्मी नारायणभ्यां नमः।
- वाणी हिरण्यगर्भाभ्यां नमः।
- ॐ सच्चीपुरंदराभ्यां नमः।
- ॐ माता पितृ चरण कमलोमायो नमः।
- ॐ ईष्टदेवताभ्यो नमः।
- ॐ कुल देवताभ्यो नमः।
- ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः।
- ॐ स्थान देवताभ्यो नमः।
- ॐ वास्तु देवताभ्यो नमः।
- ॐ देवेभ्यो नमः।
- ॐ सर्वेभ्यो ब्राह्मणभ्यो नमः।
- ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्रीमन्यहा गणअधिप्तये नमः।
- ॐ स्वस्ति न इंद्रोवृद्धश्रवा:।
- स्वस्ति न: पूसा विश्ववेदा:।
- स्वस्ति नो बृहस्पतिधातु।
- ओम शांति: शांति: शांति:।।
पूजा के बाद भोग लगाने का प्रथा क्यों है….
हिंदू धर्म में भगवान की पूजा में प्रसाद का बहुत बड़ा महत्व होता है कहा जाता है की पूजा के दौरान देवी देवताओं को विभिन्न प्रकार के प्रसाद का भोग लगाया जाता है इसके साथ ही अभी कहा जाता है कि अगर भगवान को प्रिया प्रसाद का भोग लगाते हैं तो देवी देवताएं प्रसन्न हो जाती है और लोगों की मनोकामनाओं को पूरी करती हैं।
इसे भी पढ़ें: कार्तिक पूर्णिमा कब स्नान दान का शुभ मुहूर्त,महत्व तथा उपाय…..
1 thought on “किसी भी भगवान के सामने कितने समय तक के लिए भोग को रखना चाहिए ?”