Uttar Pradesh- में बुलडोजर एक्शन: लखनऊ के कैसरबाग में अवैध निर्माण ढहाया गया

Uttar Pradesh

Uttar Pradesh में बुलडोजर एक्शन: लखनऊ के कैसरबाग में अवैध निर्माण पर कार्रवाई

Uttar Pradesh में बुलडोजर का उपयोग अवैध निर्माण को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। हाल ही में, लखनऊ के कैसरबाग में एक अवैध निर्माण पर कार्रवाई हुई। यह कार्रवाई लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा की गई थी।

WhatsApp Join Now
Telegram Join Now
Instagram Join Now

रविवार को एलडीए के अधिकारियों ने निर्माणाधीन बिल्डिंग को गिरा दिया। उन्होंने भारी पुलिस बल और रेपिड एक्शन फोर्स की मदद ली।

कैसरबाग का मामला क्या है?

Uttar Pradesh कैसरबाग में अरमान बशीर और ओवैस मिर्जा की इमारत अवैध रूप से बन रही थी। यह इमारत बिना अनुमति के बनाई गई थी। नीचे दो फ्लोर का बेसमेंट बन रहा था, जिसे एलडीए ने अवैध ठहराया। बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं किया गया था। बिजली कनेक्शन और अन्य योजनाएं भी वैध नहीं थीं। इसे विवादित बताया गया है। एलडीए ने कहा कि इसे अवैध तरीके से हासिल किया गया है। इसलिए, रविवार को इस इमारत को ढहा दिया गया। यह शुभम सिनेमा के पास बन रही थी।

अवैध निर्माण के खिलाफ योगी सरकार का बुलडोजर एक्शन

Uttar Pradesh में योगी सरकार ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की है। इसे “बुलडोजर एक्शन” कहा जाता है। सरकार का मानना है कि अवैध कब्जों को ढहाने के लिए बुलडोजर का उपयोग जरूरी है। लेकिन, इस कार्रवाई से विवाद भी हुआ है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार और बुलडोजर एक्शन का कानूनी पहलू

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के नागरिकों की संपत्तियों को नष्ट करना कानून का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि न्याय व्यवस्था में बुलडोजर का उपयोग सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी संपत्ति को गिराने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। इसमें सर्वेक्षण, नोटिस और आपत्तियों पर विचार शामिल हैं।

निर्माणाधीन बिल्डिंग का मालिक का पक्ष: ओवैस मिर्जा की प्रतिक्रिया

ओवैस मिर्जा, जो एक बिल्डिंग के मालिक हैं, ने आरोप लगाया है कि उनकी बिल्डिंग को अवैध रूप से ध्वस्त किया गया। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस पर स्टे ऑर्डर दिया था। 14 नवंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होनी थी। ओवैस ने आरोप लगाया कि एक ब्रोकर ने उनसे नक्शा पास कराने के लिए पैसे लिए। लेकिन नक्शा पास नहीं हुआ। ओवैस ने बताया कि उन्हें नक्शा पास करने के लिए एक ब्रोकर से संपर्क करना पड़ा। इस ब्रोकर ने उनसे पैसे लिए, लेकिन नक्शा पास नहीं हुआ। इसके बाद, ब्रोकर ने और पैसे मांगे। उन्होंने कहा कि एलडीए अधिकारियों ने गलत नाम पर नोटिस जारी किया। इस नोटिस के आधार पर, उन्होंने निर्माण को गिरा दिया।

ध्वस्तीकरण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

बिल्डिंग के मालिक एलडीए की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज करेंगे। उनका मानना है कि यह कार्रवाई अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बुलडोजर एक्शन न्याय व्यवस्था का हिस्सा नहीं हो सकता।

ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस की मौजूदगी और सुरक्षा के इंतजाम

पुलिस और रेपिड एक्शन फोर्स ने घटनास्थल पर भारी संख्या में तैनाती की। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि कोई अप्रिय घटना न हो। लेकिन, बिल्डिंग के मालिक और स्थानीय लोग नाराज हैं। वे इसे न्याय का उल्लंघन मानते हैं।

सरकार का पक्ष: बुलडोजर एक्शन की जरूरत

सरकार का मानना है कि अवैध निर्माण और जमीन पर कब्जा रोकने के लिए बुलडोजर का उपयोग आवश्यक है। इसका मकसद कानून का पालन करना और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है। सरकार चाहती है कि भूमि साफ और कानूनी रूप से उपयोग की जाए।

बुलडोजर एक्शन की वैधता पर कानूनी सवाल

बुलडोजर एक्शन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण कानूनी प्रश्न उठते हैं। क्या अवैध निर्माण को बिना नोटिस के ढहाना सही है? सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि कोई भी कार्रवाई करने से पहले सभी प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है। न्यायिक आदेश के तहत संपत्तियों को ध्वस्त करने से पहले लिखित नोटिस देना और मालिकों की आपत्तियों का समाधान करना जरूरी है।

Uttar Pradesh
Uttar Pradesh , Uttar Pradesh

क्या भविष्य में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगेगी?

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बुलडोजर एक्शन के बारे में सावधानी से काम करने की सलाह दी है। सरकार ने कहा है कि अवैध निर्माण और कब्जों के खिलाफ काम जारी रहेगा। लेकिन, कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए। यह संभव है कि आगे की कार्रवाईयों के लिए सही तरीके से काम किया जाए। ताकि कोई भी नागरिक अन्याय का सामना ना करे

Uttar Pradesh में बुलडोजर एक्शन सरकार की अवैध निर्माणों के खिलाफ एक सख्त रुख है। लेकिन, इस पर विवाद और सवाल भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं। उम्मीद है कि आगे उचित प्रक्रिया के साथ काम किया जाएगा। ताकि नागरिकों के अधिकारों का हनन न हो। लखनऊ के कैसरबाग में हुई घटना ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। Uttar Pradesh

यह भी पढ़े : न्यू Tax Regime में NPS से Tax Savings कैसे करें, 50,000 रुपए से ज्यादा का फायदा पाएं

Uttar Pradesh

WhatsApp Group Join Now

related post

Leave a Comment