(Wiz),आज की डिजिटल दुनिया में क्लाउड तकनीक और साइबर सुरक्षा दो ऐसे क्षेत्र हैं जो तेजी से विकसित हो रहे हैं। इन दोनों क्षेत्रों में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है, जब विज़ (Wiz), एक अग्रणी क्लाउड साइबर सुरक्षा कंपनी, गूगल क्लाउड के साथ जुड़ने जा रही है।
18 मार्च 2025 को विज़ ने घोषणा की कि उसने गूगल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत वह गूगल क्लाउड का हिस्सा बनेगी। यह सौदा 32 अरब डॉलर का है और इसे गूगल की अब तक की सबसे बड़ी खरीदारी माना जा रहा है। इस लेख में हम विज़ के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसकी शुरुआत, तकनीक, उपलब्धियां और गूगल क्लाउड के साथ इस साझेदारी के महत्व को समझेंगे।
विज़ क्या है?
विज़ एक क्लाउड साइबर सुरक्षा कंपनी है, जिसकी स्थापना 2020 में इज़राइल में हुई थी। इसके चार सह-संस्थापक – असाफ रैपापोर्ट (Assaf Rappaport), यिनोन कोस्टिका (Yinon Costica), रॉय रेजनिक (Roy Reznik), और एमी लुटवाक (Ami Luttwak) – सभी इज़राइल की प्रसिद्ध 8200 साइबर सुरक्षा इकाई के पूर्व छात्र हैं। इनका पिछला अनुभव भी तकनीकी क्षेत्र में प्रभावशाली रहा है; इन्होंने अपनी पहली कंपनी, एडालॉम (Adallom), को 2015 में माइक्रोसॉफ्ट को 32 करोड़ डॉलर में बेचा था। विज़ की स्थापना के साथ ही इनका लक्ष्य था कि वे क्लाउड आधारित साइबर सुरक्षा को सरल, प्रभावी और व्यापक बनाएं।
विज़ का मुख्य उत्पाद एक क्लाउड-नेटिव एप्लिकेशन प्रोटेक्शन प्लेटफॉर्म (CNAPP) है, जो बिना किसी एजेंट के काम करता है। यह तकनीक कंपनियों को उनके क्लाउड परिवेश में मौजूद जोखिमों को जल्दी और आसानी से पहचानने में मदद करती है। विज़ का सिस्टम क्लाउड संसाधनों, कोड, और एप्लिकेशनों का एक व्यापक ग्राफ बनाता है, जिससे संभावित हमले के रास्तों का पता लगाया जा सकता है और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जा सकता है। यह तकनीक न केवल सुरक्षा टीमों के लिए, बल्कि डेवलपर्स के लिए भी उपयोगी है, जो अपने एप्लिकेशन को शुरू से ही सुरक्षित बना सकते हैं।
विज़ (Wiz) की तेज़ी से उन्नति
Wiz की कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है। 2020 में स्थापना के बाद, यह कंपनी मात्र 18 महीनों में 10 करोड़ डॉलर के वार्षिक आवर्ती राजस्व (ARR) तक पहुंच गई। यह किसी भी सॉफ्टवेयर कंपनी के लिए सबसे तेज़ वृद्धि में से एक मानी जाती है। 2025 तक कंपनी का लक्ष्य 1 अरब डॉलर ARR तक पहुंचना था, और यह इस दिशा में तेजी से बढ़ रही थी। मार्च 2025 तक विज़ का ARR 70 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका था, जो इसकी लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।
Wiz का तेज़ विकास कोविड-19 महामारी के दौरान क्लाउड सेवाओं की बढ़ती मांग से भी जुड़ा है। जब दुनिया भर की कंपनियां अपने काम को ऑनलाइन और क्लाउड पर ले गईं, तो साइबर सुरक्षा की जरूरतें भी बढ़ गईं। विज़ ने इस अवसर का पूरा फायदा उठाया और फॉर्च्यून 100 कंपनियों के 45% से अधिक को अपनी सेवाएं दीं। इसके ग्राहकों में मॉर्गन स्टेनली, बीएमडब्ल्यू, सेल्सफोर्स और डोक्यूसाइन जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
Wiz की तकनीकी विशेषताएं
Wiz की तकनीक इसकी सफलता का आधार है। इसका प्लेटफॉर्म कई मायनों में अनूठा है:
- एजेंटलेस स्कैनिंग: Wiz को क्लाउड परिवेश में कोई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं पड़ती। यह मौजूदा सिस्टम से डेटा लेकर काम करता है, जिससे यह तेज़ और प्रभावी होता है।
- सुरक्षा ग्राफ: Wiz एक ग्राफ-आधारित दृष्टिकोण अपनाता है, जो क्लाउड संसाधनों और उनके बीच के संबंधों को दर्शाता है। इससे जोखिमों को समझना और प्राथमिकता देना आसान हो जाता है।
- मल्टी-क्लाउड सपोर्ट: Wiz अमेज़न वेब सर्विसेज (AWS), माइक्रोसॉफ्ट एज़्योर, गूगल क्लाउड, और ओरेकल क्लाउड जैसे सभी प्रमुख क्लाउड प्रदाताओं के साथ काम करता है।
- एआई एकीकरण: Wiz ने हाल ही में अपनी सेवाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को शामिल किया है, जो डेटा लीक और अन्य जोखिमों का पता लगाने में मदद करता है।
गूगल क्लाउड के साथ साझेदारी
गूगल क्लाउड के साथ विज़ का जुड़ाव एक ऐतिहासिक कदम है। गूगल ने विज़ को 32 अरब डॉलर में खरीदा है, जो इसकी पिछली सबसे बड़ी खरीदारी, मोटोरोला मोबिलिटी (12.5 अरब डॉलर), से ढाई गुना अधिक है। यह सौदा 2026 में पूरा होने की उम्मीद है, क्योंकि इसे नियामक मंजूरी की जरूरत है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, “गूगल क्लाउड और विज़ मिलकर क्लाउड सुरक्षा को तेज़ करेंगे और मल्टी-क्लाउड उपयोग की क्षमता को बढ़ाएंगे।”
यह साझेदारी गूगल के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। गूगल क्लाउड बाज़ार में AWS और माइक्रोसॉफ्ट एज़्योर से पीछे रहा है। विज़ की तकनीक इसे सुरक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति दे सकती है, खासकर तब जब AI और साइबर हमले नए जोखिम पैदा कर रहे हैं। विज़ के सीईओ असाफ रैपापोर्ट ने इसे “रॉकेट से जोड़ने” के समान बताया, जिससे उनकी नवाचार की गति तेज होगी।
इस साझेदारी का प्रभाव
- साइबर सुरक्षा में सुधार: विज़ और गूगल क्लाउड मिलकर एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना सकते हैं जो कोड से लेकर क्लाउड तक हर स्तर पर सुरक्षा प्रदान करे।
- मल्टी-क्लाउड समर्थन: विज़ अपने उत्पादों को सभी प्रमुख क्लाउड प्रदाताओं के लिए उपलब्ध रखेगी, जिससे ग्राहकों को लचीलापन मिलेगा।
- AI और भविष्य की तैयारी: AI के बढ़ते उपयोग के साथ, विज़ की तकनीक नए खतरों से निपटने में मदद करेगी।
- बाज़ार में प्रतिस्पर्धा: यह सौदा गूगल को माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न के खिलाफ मजबूत करेगा, जो क्लाउड और सुरक्षा में अग्रणी हैं।
चुनौतियां और भविष्य
हालांकि यह सौदा आशाजनक है, लेकिन इसे नियामक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। बड़े तकनीकी अधिग्रहण अक्सर प्रतिस्पर्धा और एकाधिकार के मुद्दों पर जांच के दायरे में आते हैं। इसके अलावा, विज़ को गूगल के बड़े ढांचे में अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने की चुनौती होगी।
फिर भी, विज़ और गूगल क्लाउड की यह साझेदारी क्लाउड सुरक्षा के भविष्य को बदल सकती है। विज़ की तेज़ वृद्धि और नवाचार की क्षमता, गूगल के संसाधनों और AI विशेषज्ञता के साथ मिलकर, एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया की नींव रख सकती है। यह न केवल तकनीकी कंपनियों के लिए, बल्कि सरकारों और छोटे व्यवसायों के लिए भी एक बड़ा कदम है, जो अब क्लाउड पर निर्भर हैं।
विज़ का गूगल क्लाउड में शामिल होना एक जादुई साझेदारी की शुरुआत है। पांच साल से भी कम समय में, विज़ ने क्लाउड सुरक्षा में अपनी पहचान बनाई और अब गूगल के साथ मिलकर यह और भी बड़े लक्ष्यों की ओर बढ़ रही है। यह सौदा न केवल विज़ की सफलता की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे तकनीक और नवाचार मिलकर भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।