Punjab विधानसभा उपचुनाव: केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू के विवादित बयान पर हंगामा, किसानों की तालिबान से तुलना

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Punjab विधानसभा उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू का विवादित बयान

Punjab विधानसभा के उपचुनाव में केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने एक विवादित बयान दिया। उन्होंने किसानों को तालिबान से तुलना की। यह बयान राजनीति और सामाजिक दृष्टि से बहुत संवेदनशील था।

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गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करते हुए, उन्होंने कहा कि कुछ किसान नेता वास्तव में बीजेपी के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि वे असल में किसानों के प्रतिनिधि नहीं हैं। इस बयान के बाद, राज्य में सियासी हलचल बढ़ गई। किसानों और उनके नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

किसानों के विरोध को लेकर बिट्टू का बयान

रवनीत बिट्टू ने गिद्दड़बाहा में एक जनसभा में बोले। उन्होंने कहा कि Punjab में कुछ किसान नेता बीजेपी का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों को उनकी जमीन से जोड़ती है। उन्होंने दावा किया कि उपचुनाव के बाद, इन नेताओं की संपत्तियों की जांच की जाएगी। उनका कहना था कि ये नेता पहले किसान थे। अब वे संपत्ति के मालिक हो गए हैं।

किसानों की तुलना तालिबान से करने पर विवाद

रवनीत बिट्टू का बयान विवादित हो गया। उन्होंने किसानों की तुलना तालिबान से की। उन्होंने कहा कि कुछ किसान नेता अब आढ़ती और शेलर मालिक बन गए हैं। वे Punjab में खाद गाड़ियों को लूटते हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग तालिबानी हो गए हैं। उनका आरोप था कि ये नेता खाद की ट्रेनों को लूटते हैं।

किसान नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया

किसानों की तुलना तालिबान से करने वाले मंत्री के बयान ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। संयुक्त किसान मोर्चा के सरवन सिंह पंधेर ने इसे गलत और अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान किसानों का अपमान है। पंधेर ने कहा कि किसानों को तालिबान से जोड़ना गलत है। यह उन लोगों का अपमान है जिन्होंने वर्षों से आंदोलन में भाग लिया। सरवन पंधेर ने कहा कि किसानों की संपत्तियों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान डरने वाले नहीं हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

विपक्षी दलों ने केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। Punjab के विभिन्न दलों ने बिट्टू के बयान की आलोचना की। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह केवल किसानों का अपमान था। कांग्रेस के नेताओं ने बिट्टू के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बयान किसानों के बीच राजनीतिक टकराव बढ़ाएगा। यह राज्य में बीजेपी के खिलाफ माहौल को और भी मजबूत करेगा।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

बीजेपी के नेताओं ने केंद्रीय मंत्री के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसानों का अपमान करने का नहीं था। बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा कि बिट्टू ने कुछ किसान नेताओं के बारे में दिया था। उन्होंने कहा कि ये नेता अपनी निजी संपत्ति और कारोबार को बढ़ाने के लिए राजनीति में आए हैं। बीजेपी नेताओं का कहना था कि केवल कुछ नेता ही किसान आंदोलन के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उनका कहना था कि इन नेताओं का किसानों से कोई वास्ता नहीं है।

किसान आंदोलन और उपचुनाव

बिट्टू के बयान के बाद Punjab में विधानसभा उपचुनाव का माहौल गरम हो गया है। 20 नवंबर 2024 को चार सीटों पर उपचुनाव होंगे। इसमें गिद्दड़बाहा, बरनाला, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल शामिल हैं। यह उपचुनाव Punjab में आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं पिछले कुछ वर्षों से Punjab में किसान आंदोलन एक बड़ा विषय रहा है। 2020 में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध पूरे देश में चर्चा में था। Punjab के किसानों ने इस आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी आवाज़ देश और दुनिया भर में सुनी गई। अब राज्य की राजनीति में किसानों का प्रभाव बढ़ गया है। विधानसभा उपचुनावों में उनका रुख क्या होगा, यह देखना दिलचस्प है।

किसान नेताओं का जवाब

किसान नेताओं ने मंत्री के बयान के खिलाफ कदम उठाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि वे इस बयान को कभी नहीं मानेंगे। किसान नेताओं का मानना है कि वे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस बयान से बीजेपी को फायदा होगा।किसान नेताओं ने यह भी कहा कि मंत्री का बयान दिखाता है कि बीजेपी के नेता कितने संवेदनहीन हैं। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी को Punjab के किसानों के लिए कुछ करना है, तो उन्हें अपने कृत्यों को सुधारना होगा।

केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू का बयान Punjab में विवाद पैदा कर गया। यह बयान राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ा दिया। किसानों और राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ गया है। किसानों की तुलना तालिबान से करना सही नहीं था। यह किसानों का अपमान है। इस बयान ने किसानों को असम्मानित किया है। विधानसभा उपचुनावों में किसान बीजेपी के खिलाफ हो सकते हैं। विवादों ने किसानों की समस्याओं को फिर से सामने लाया है।

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